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असफलता-अंत नहीं, एक नई शुरुआत

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • 11 minutes ago
  • 3 min read

Apr 28, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

दोस्तों, यकीन मानियेगा मैं आजतक समझ नहीं पाया हूँ कि आख़िर हम सब लोग “असफलता” से इतना डरते क्यों हैं? इस शब्द याने असफलता के विषय में सुनते ही हम सभी के मन में नकारात्मक भावनाएं क्यों उमड़ने लगती हैं और हमें सब-कुछ ख़त्म सा होता क्यों प्रतीत होने लगता है? मेरे जीवन का तो अनुभव असफलता को अंत नहीं, बल्कि एक नई यात्रा की शुरुआत मानता है। क्योंकि जीवन में मिली हर असफलता ने मुझे ख़ुद को बेहतर बनाने का कोई ना कोई पाठ पढ़ाया है, जिसपर अमल करते हुए मैं आज यहाँ तक पहुँचा हूँ। जी हाँ दोस्तों, अपने अनुभव के आधार पर मैं यह स्पष्ट तौर पर कह सकता हूँ कि असफलता जीवन की उस पाठशाला का हिस्सा है जो हमें मजबूत बनाती है और सिखाती है कि कैसे आगे बढ़ा जाए ?


चलिए, मेरी कहानी को छोड़िये और इतिहास को उठा कर देख लीजिए, आप स्वयं जान जाएँगे कि आजतक जो भी सफल हुआ है, उसने कभी ना कभी असफलता का सामना किया है। थॉमस एडिसन का ही उदाहरण ले लीजिए, इलेक्ट्रिक बल्ब बनाने के प्रयास में उन्होंने 1000 से ज़्यादा बार असफलता का सामना किया था और जब इस विषय में उनसे एक पत्रकार ने प्रश्न करते हुए पूछा था कि “आपने 1000 बार असफल होकर भी हार क्यों नहीं मानी?”, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए उसे जवाब देते हुए कहा था कि “मैं 1000 बार असफल नहीं हुआ था, बल्कि मैंने उन 1000 तरीकों को ईजाद किया था, जो बल्ब बनाने में सहायक नहीं थे।”


दोस्तों, असफलता से हार मानने के स्थान पर, उससे सीखना ही किसी भी व्यक्ति को सफल बनाता है। इसलिए मैं हमेशा कहता हूँ, “असफलता के बिना सफल होना संभव नहीं है।” दूसरे शब्दों में कहूँ तो असफलता एक प्रक्रिया है, कोई स्थायी स्थिति नहीं। जब हम असफल होते हैं, तब हम सीखते हैं, ख़ुद को सुधारते हैं और बेहतर बनाते हैं। यदि एडीसन ने हार मान ली होती, तो शायद आज दुनिया में रोशनी की परिभाषा ही कुछ और होती।


एडिसन और अन्य सफल लोगों की तरह ही हमारी अपनी ज़िंदगी में भी असफलता के क्षण आते हैं। जैसे परीक्षा में फेल होना, रिश्ता टूट जाना, नौकरी में रिजेक्ट होना, पैसों का नुकसान होना, आदि। यह क्षण सामान्यतः हमारे मन में निराशा के पल लाते हैं, जिसकी वजह से हम जीवन में आगे बढ़ने का साहस खोने लगते हैं। लेकिन अगर हम अपने मन को इस निराशा से बचा लें और असफलता से सीखना शुरू कर दें, तो यकीन मानियेगा यह असफलता आपके जीवन में नए अवसर लेकर आएगी और आपको ख़ुद को नये सिरे से गढ़ने का सुनहरा मौका देगी।


इसी बात को मैं आपको “हैरी पॉटर” सिरीज़ की लेखिका जे के रोलिंग की प्रेरणादायक कहानी से समझाने का प्रयास करता हूँ। रोलिंग जब अपनी पहली किताब लिख रही थीं, तब वे आर्थिक तंगी में थीं, डिप्रेशन से जूझ रही थीं और अकेली माँ थीं। उनकी किताब को 12 प्रकाशकों ने ठुकरा दिया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः उनकी किताब ने इतिहास रच दिया। आज वे दुनिया की सबसे प्रसिद्ध लेखिकाओं में से एक हैं।


इससे यह सिद्ध होता है कि असफलता केवल उन्हीं को हराती है, जो प्रयास करना छोड़ देते हैं। जो व्यक्ति धैर्य, संकल्प और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं, उनके लिए असफलता सिर्फ एक सीढ़ी होती है, मंजिल की ओर। इसलिए दोस्तों, जीवन में कभी आपका सामना असफलता से हो तो हार मानने के स्थान पर ख़ुद से कहें, “असफलता मेरे सपनों का या मेरा अंत नहीं है। यह तो एक नई शुरुआत है। मैं तो बस इससे सीखूँगा या सीखूँगी और मजबूत बनूँगा या बनूँगी।” याद रखना दोस्तों, असफलता रास्ता बदलने के लिए कहती है, मंजिल छोड़ने के लिए नहीं।”


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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