Nov 10, 2022
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
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दोस्तों, पिछले 3 दिनों में हमने व्यापार-व्यवसाय सम्बन्धी लेख पढ़े थे जिसमें हमने व्यवसायिक सफलता की राह के रोड़ों को पहचानते हुए समझा था कि कई बार व्यवसायी अपने ज्ञान, अनुभव, विशेषज्ञता और उससे निर्मित उत्पाद या सेवाओं का वास्तव में क्या मूल्य है, पहचान ही नहीं पाते हैं और इसी वजह से वे अपनी ऊर्जा, समय, कुशलता और ध्यान को व्यापार बढ़ाने या कमाने के स्थान पर खर्चा बचाने में लगाने लगते हैं। संसाधनों, योग्यता, कौशल और समय का सही उपयोग ना कर पाना इन्हें अक्सर तनाव और दबाव में ले आता है और यह लोग खुद के व्यापार में ही नौकरी करने लगते हैं।
इसके साथ ही हमने सीखा था कि अपना सही मूल्य पहचानना क्यों आवश्यक है और असफलता अंत नहीं होती है। आईए दोस्तों, आने वाले तीन दिनों में हम वह 15 सूत्र सीखेंगे जो हमें व्यवसायिक नुक़सान से ऊपर उठकर फिर से बड़ा व्यवसाय स्थापित करने में मदद कर सकते हैं।
पहला सूत्र - स्वीकारोक्ति का भाव विकसित करना
दोस्तों, असफलताएँ अथवा विफलताएँ स्थायी नहीं होती, यह तो बस इस बात की पहचान होती हैं कि आपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास किया था। इसलिए जीवन में कभी भी असफल या विफल हों तो चिंता ना करें, उसे खुले दिल से स्वीकारें, उससे सीख लें और आगे बढ़ें। लेकिन अक्सर देखने में इसके ठीक विपरीत आता है। लोग असफल या विफल होने के बाद भी उसे स्वीकारते नहीं हैं। ऐसे लोगों से मैं सिर्फ़ एक बात पूछना चाहूँगा, ‘ऐसा करके आप किसको धोखा दे रहे हैं?’ मुझे तो लगता है खुद ही को! ऐसा करना निश्चित तौर पर आपको और ग़लतियाँ करने के लिए मजबूर करता है और धीरे-धीरे आप अवसर व समय दोनों ही गँवाने लगते हैं। इसके विपरीत अगर आप असफलता या विफलता के लिए स्वीकारोक्ति का भाव ले आएँ तो आप अपनी पूरी ऊर्जा और समय को इससे निकलने और फिर से एक नया प्रयास करने के लिए लगा सकते हैं।
दूसरा सूत्र - ग़लतियाँ ना दोहराना
दोस्तों, ग़लतियाँ उसी से होती हैं जो कार्य करता है। इसलिए ग़लतियाँ करें, एक नहीं हज़ार करें। बस एक बात हमेशा याद रखें कि हमें एक गलती को दो बार नहीं करना है। याद रखिएगा, अगर आप ग़लतियों को दोहरा रहे हैं तो इसका सिर्फ़ एक ही मतलब है आप अपनी ग़लतियों से सीख नहीं रहे हैं और लापरवाही के साथ आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
तीसरा सूत्र - स्वयं का, अपनी टीम का एवं व्यवसाय का विस्तृत विश्लेषण करना
दोस्तों, विश्लेषण एक ऐसी कला है जो आपको किसी भी वस्तु, विषय या व्यक्ति को गहराई से समझने का मौक़ा देती है।इसलिए किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए कार्य करना शुरू करने के पहले विश्लेषण कर योजना बनाना आपकी असफलता की दर कम कर देता है। लेकिन अगर आप असफल या विफल हो गए हैं तो भी चिंता ना करें। असफलता और विफलता के कारणों का अंदाज़ा लगाने के स्थान पर गहराई के साथ अपनी योजना, टीम और स्वयं के कार्य करने के तरीक़ों का विश्लेषण करें और नुक़सान की असली वजह का पता करने का प्रयास करें। इसके पश्चात नुक़सान के कारणों को दूर करते हुए एक बार फिर नई योजना बनाएँ और उस पर चलकर सफलता सुनिश्चित करें। इसके लिए आप SWOT एनालिसिस का तरीक़ा प्रयोग में ला सकते हैं।
चौथा सूत्र - प्राथमिकताएँ बनाना
योजना बनाने के पश्चात अगला महत्वपूर्ण कार्य होता है, उन कार्यों को प्राथमिकता देना, जो परिवर्तन की ओर याने लक्ष्य की ओर ले जाती है। व्यवसाय और खुद को सफल बनाने के लिए आवश्यक है कि आप स्वयं के प्रति ईमानदार रहें और अपने कम्फ़र्ट ज़ोन से बाहर आकर उन बातों को प्राथमिकताएँ दें जो बातें आपके व्यवसाय को सफल बनाती है। इसके बाद भी अगर किसी भी रूप में असफलता हाथ लगती है तो उसे गले लगाकर, खुद को नकारात्मक शक्तियों से दूर कर, एक बार फिर उपरोक्त सूत्रों को काम में लेते हुए प्रयास करें।
पाँचवा सूत्र - विशेषज्ञों की मदद लेना (राय लेना)
हो सकता है कि आप अपने क्षेत्र में विशेष योग्यता रखते हों, उसके प्रकांड विद्वान हों लेकिन उसके बाद भी किसी ऐसे कोच को खोजें, जो आपको ध्यान से सुनकर फिर से नई रणनीति बनाने में मदद कर सके। कोच आपको ग़लतियों को दोहराने, कार्य को सही तरीके से, समय में पूर्ण करने में मदद कर सकता है। याद रखिएगा, एक अच्छा व्यावसायिक प्रशिक्षक आपको कई ग़लतियों को करने से बचाकर, जल्दी सफल बनाता है।
आज के लिए इतना ही, कल हम व्यवसायिक विफलताओं से बाहर निकल, सफल बनाने वाले अगले 5 सूत्र सीखेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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