Nov 23, 2022
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
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दोस्तों, अगर आप जीवन में कुछ बड़ा, कुछ नया करना चाहते हैं, अपना नाम बनाना चाहते हैं, तो आपको ग़लतियाँ करने के लिए तैयार रहना होगा। जी हाँ साथियों, मेरी बात पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से पहले एक बार गम्भीरता से विचार कर लीजिएगा या फिर अपने आस-पास मौजूद लोगों को ही ध्यान से देख लीजिएगा, आपको दोनों तरह के लोग दिख जाएँगे। पहले वे, जो सोचते हैं कि उनकी सफलता की राह में कोई रोड़ा या असफलता ना आए या उनसे कुछ गलती ना हो इसलिए पहले सब कुछ सीखना, उसके बाद कभी असफल ना हो सकने वाली फुलप्रूफ योजना बनाना और उसके बाद सही समय आने पर काम करना आवश्यक है।
दूसरे वे लोग होते हैं जो सब कुछ सीखने, फुलप्रूफ योजना बनाने और सही समय का इंतज़ार कर शुरुआत करने के स्थान पर कर्म को प्रधानता देते हुए बुनियादी और मौलिक ज्ञान के साथ शुरुआत करते हैं और रास्ते में मिलने वाली हर असफलता को सीख के रूप में स्वीकार करते हुए जीवन पथ पर आगे बढ़ते जाते हैं और अंततः सफल हो जाते है। दोस्तों, यहाँ मेरे कहने का ग़लत अर्थ मत निकालिएगा कि सीखना या योजना बनाना ज़रूरी नहीं है। यह लोग सीखते भी हैं, योजना भी बनाते हैं बस यह सब कुछ पहले सीखने और फुलप्रूफ योजना बना कर सफल होने पर विश्वास कर, इंतज़ार करने के स्थान पर काम शुरू कर ग़लतियाँ स्वीकारने, उनसे सीखने को ज़्यादा बेहतर मानते हैं।
जीवन में मिला मेरा थोड़ा-बहुत अनुभव तो यही कहता है साथियों, जिसने भी सब कुछ सीख कर, फुलप्रूफ योजना के साथ, सही समय पर कार्य कर सफलता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है, वह जीवन में ज़्यादा कुछ कर नहीं पाया है क्यूँकि वह बार-बार खुद की योग्यता, खुद के ज्ञान, खुद के कौशल, खुद की क्षमता, खुद की योजना पर ही प्रश्न उठा-उठा कर अपने आत्मविश्वास को गिरा लेता है। ऐसे लोग ग़लतियाँ करने, असफल होने से इतना ज़्यादा घबराते या डरते हैं कि वे अपने जीवन में कुछ कर ही नहीं पाते हैं।
ऐसे लोगों से मैं सिर्फ़ एक बात कहना चाहूँगा, अगर आप कुछ नहीं करेंगे तो असफलता निश्चित है लेकिन अगर आप प्रयास करेंगे तो एक सम्भावना है कि आपको सफलता मिल जाए। इसीलिए तो शायद स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है, ‘यदि आपने जीवन में कभी कोई गलती नहीं करी है तो इसका सिर्फ़ एक मतलब है, आपने अपने जीवन में कुछ नया अथवा बड़ा नहीं किया है क्यूँकि जब आप कुछ नया और बड़ा करते हैं तो ग़लतियाँ होना स्वाभाविक प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र होता है।’
जी हाँ साथियों, ग़लतियाँ आपको सिखाती हैं, ग़लतियाँ आपको बेहतर बनाती हैं। इसीलिए हमें ग़लतियाँ ना करने या हमेशा सही बने रहने का प्रयास करने के स्थान पर कार्य करना चाहिए। यदि कार्य करने के दौरान आपसे अनायास ही कोई गलती हो जाए तो उसे छुपाने या उस विषय में झूठ बोलकर बचने के स्थान पर, इस रूप में दूसरी गलती करना पूर्णतः ग़लत है। जी हाँ, गलती हो जाना ग़लत नहीं है पर उससे सीख लेने के स्थान पर अपनी ऊर्जा गलती को छिपाने के लिए झूठ बोलने में बर्बाद करना ग़लत है अर्थात् एक ही गलती को बार-बार दोहराना ज़रूर एक बड़ी गलती है। याद रखिएगा, बिना गलती किए कुछ बड़ा सीखने को नहीं मिलता है। इसके साथ ही गलती हो जाने पर आपकी स्वीकारोक्ति ही आपको दूसरों की नजरों में क्षमा का अधिकारी भी बना देती है। तो आइए साथियों, आज से ही गलती हो जाने पर उसे छुपाकर दूसरी गलती करने के स्थान पर उसे स्वीकार कर, उससे सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ते है। अपनी बड़ी-बड़ी योजनाओं को साकार रूप में परिवर्तित करते हैं।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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