Sep 27, 2022
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
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दोस्तों, बड़ी से बड़ी सफलता हो या फिर असफलता या परेशानी, यह कभी भी एक बार में किए गए बहुत बड़े प्रयासों का परिणाम नहीं होती है। बल्कि दैनिक आधार पर पूरी कंसिसटेंसी के साथ किए गए छोटे-छोटे प्रयासों का परिणाम होती है। अगर मेरी बात से सहमत ना हों तो किसी भी सफल व्यक्ति की जीवनी उठा कर पढ़ लीजिएगा। जी हाँ दोस्तों, अक्सर दैनिक जीवन में साधारण लगने वाली बातें ही हमारे जीवन को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुँचाती है।
चलिए, अपनी बात को बेहतर तरीके से समझाने के लिए मैं आपसे एक बहुत साधारण सा ही प्रश्न पूछ लेता हूँ। जंगली भैंस, शेर, दरियाई घोड़े, मकड़ियाँ, बिच्छू, साँप और मच्छर में से इंसानों के लिए सबसे घातक या इंसानों को नुक़सान पहुँचाने वाला जीव कौन सा है? शायद आप शेर, बिच्छू, साँप या दरियाई घोड़े के विषय में सोच रहे होंगे। लेकिन एक आँकड़ा बताता है, एक साल में जंगली भैंसा अधिकतम 7 लोग, शेर 500, दरियाई घोड़ा 800, मकड़ियाँ 5000, बिच्छू 7000 और साँप 10000 लोगों की जान ले सकता है या इनकी वजह से इतनी जान जा सकती हैं। लेकिन आप हैरान हो जाएँगे कि इस रेस में हम जिस मच्छर को गिन भी नहीं रहे थे, उनकी वजह से प्रतिवर्ष 2.7 मिलियन लोगों की जान जाती है। सबसे छोटे दिखने वाले ही सबसे घातक हैं क्यूँकि हम इनके प्रति सबसे कम सचेत रहते हैं और इसी वजह से इनसे होने वाले नुक़सान का हम आकलन ही नहीं कर पाते हैं।
है ना हैरानी की बात साथियों, इसी तरह रोज़मर्रा के जीवन में नज़रंदाज़ की जाने वाली छोटी-छोटी बातें ही हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव डालती हैं। उदाहरण के लिए रोज़मर्रा में अपने सचेत मन या कॉनशस के ख़िलाफ़ जाकर कार्य करना, प्रतिदिन प्रार्थना ना करना, आभारी ना रहना या फिर अपने स्वास्थ्य को नज़रंदाज़ करना, हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित कर बड़ा नुक़सान पहुँचाता है। इसी तरह साथियों छोटे झूठ, तुलना, निंदा, आलोचना तथा शिकायतों में उलझे रहना और अपनी ऊर्जा तथा क्षमता के ख़िलाफ़ जाकर रोज़ छोटे-छोटे समझौते करना भी हमारे चरित्र को प्रभावित कर नुक़सान पहुँचाता है या पतन की ओर ले जाता है।
जीवन में अक्सर हमारे सामने ऐसी स्थितियाँ आएँगी जहाँ हम दोराहे पर खड़े होंगे। एक ओर जहाँ आपको चुनौतीपूर्ण अर्थात् खुद की क्षमताओं या सुविधाओं को चुनौती देने वाला रास्ता नज़र आएगा, तो दूसरी ओर उस वक्त आसानी से तात्कालिक सफलता का एहसास करवाने वाला, आसान सा रास्ता। यही वह पल होता है, जब आपको अपने जीवन को दिशा देने वाला निर्णय लेना होता है। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्यूंकि आपके एक ओर तात्कालिक लाभ होता है और दूसरी ओर दीर्घकालिक सुख। इनमें से आप जो भी चुनते हैं, वैसा ही आपका जीवन हो जाता है।
इसी तरह हमें अपने जीवन में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही तरह के अनुभव या परिणाम मिलेंगे। लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि हम इनमें से किसे याद रखकर अपने जीवन का तानाबाना बनाते हैं। याद रखिएगा, जैसा रोज़मर्रा के जीवन में आपका चुनाव होगा, वैसा ही आपका जीवन होगा। जीवन की ऐसी स्थितियों में कैसे आगे बढ़ा जाए, यह हम चींटियों से सीख सकते हैं। अगर आप चींटियों के सामने शक्कर और नमक को मिलाकर रख देंगे तो आप पाएँगे की चींटियाँ शक्कर और नमक के ढेर में से नमक को अस्वीकार कर, सिर्फ़ शक्कर ले जाएगी। बस यही हमें करना है, जीवन में मिले नकारात्मक अनुभवों या परिणामों को भुलाकर अपने मन में सकारात्मकता को जगह देना है, उसे ज़िंदा रखना है। इससे हमें एक और महत्वपूर्ण सीख मिलती हैं, जीवन को बेहतर और मधुर बनाने के लिए सही लोगों का चयन करें अर्थात् प्रोत्साहित, सकारात्मकता, आशा जगाने, खुश रखने वाले लोगों को चुनें।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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