July 3, 2022
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
अशांत, नाखुश और अति व्यस्त जीवन से मुक्ति पाकर ख़ुशहाल और खुद के प्रति दयालु रहते हुए जीवन जीने के लिए आवश्यक 9 सूत्रों में से हमने अब तक 8 सूत्रों पर चर्चा करी थी। आईए अंतिम सूत्र सीखने से पहले उन्हें संक्षेप में दोहरा लेते हैं-
पहली आदत - ओवरथिंकिग अर्थात् ज़्यादा सोचना
ओवरथिंक करना स्थिति को हक़ीक़त से बड़ा और डरावना बनाकर, नकारात्मक कल्पनाओं को जन्म देकर आपको जीवन में आगे बढ़ने से रोकता है। इससे बचने के लिए निम्न 2 कार्य करें -
1) किसी भी कार्य या विषय के लिए निर्णय लेने की समय सीमा निर्धारित करें
2) दैनिक कार्यों की सूची बनाकर रखें
दूसरी आदत - नकारात्मक विचारों के साथ जीवन जीना
नकारात्मक माहौल, नकारात्मक विचार को जन्म देकर आपके मन में भय, हताशा और शक्तिहीनता को बढ़ाता है जो अंततः ख़ुशी, शांति और सकारात्मक मनःस्थिति को खत्म कर, आत्मसम्मान को नुक़सान पहुँचाता है। इसलिए नकारात्मक विचार पैदा करने वाले स्त्रोतों से बचें और सकारात्मकता को गले लगाएँ।
तीसरी आदत - अतीत या भविष्य में रहना
अतीत की असफलताओं या भविष्य की अनिश्चितताओं में जीना आपको डर, अनिश्चय से भरा और तनावग्रस्त बनाता है। इससे बचने के लिए वर्तमान में जिएँ और अपनी छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए, असीमित क्षमताओं को पहचानने का प्रयास करें। ध्यान और अपनी साँसों पर फ़ोकस करना आपको वर्तमान में रहने में मदद कर सकता है।
चौथी आदत - खुशहाल जीवन के लिए बड़े लक्ष्य रखना
खुश रहने के लिए बड़े बार्स या लक्ष्य रखना आपको कुछ बड़ा, अप्रत्याशित और अद्भुत घटने पर ही खुश रहने का मौक़ा देता है। इसके स्थान पर कम समय में पूरे होने वाले बहुत सारे छोटे लक्ष्य रखें यह आपको ज़िंदगी के प्रति आभारी रहने का मौक़ा देने के साथ-साथ, ख़ुशी देंगे। इसके साथ ही खुद को बार-बार याद दिलाएँ कि खुशहाल जीवन आपकी पहली प्राथमिकता है।
पाँचवी आदत - तुलना करना
परिवार, रिश्ते, संसाधन, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत चीजों में तुलना करना असफलता के एहसास को बढ़ाकर आत्मसम्मान को नुक़सान पहुँचाता है। याद रखिएगा दोस्तों, शक्तिहीन, थका या नकारात्मक भावों से भरा जीवन जीने से बेहतर आप जो चाहते हैं उसे पाने के लिए प्रयास करते रहे । इसलिए हर बात में तुलना करने के स्थान पर अपनी उपलब्धियों पर जश्न मनाएँ, खुद की पीठ थपथपाएँ।
छठी आदत - जीवन में अनावश्यक जल्दबाज़ी करना
सब कुछ समय से पहले पाने की चाह आपके अंदर अनावश्यक जल्दबाज़ी पैदा करती है और हमें स्पष्ट सोचने से रोकती है। इसके स्थान पर सामान्य गति से जीवन जीने के लिए एक दिन में 3-5 कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखें। याद रखिएगा, जीवन का हर रंग महत्वपूर्ण है उसे महसूस करना हमेशा आनंददायक रहता है इसलिए वर्तमान में जिएँ।
सातवीं आदत - हमेशा सकारात्मक रहने का प्रयास करना
हर पल सकारात्मक रहने के चक्कर में हम अक्सर अपनी भावनाओं को अनदेखा करना शुरू कर देते हैं जो अंततः हमारे अंतर्मन को नुक़सान पहुँचाती है। हर पल सकारात्मक रहने के स्थान पर अपने अंदर उठ रहे भावों को पूरी गहराई के साथ महसूस करें फिर भले ही वह भाव नकारात्मक ही क्यूँ ना हो। अपने अंतर्मन को अनावश्यक दबाव से बचाने के लिए आप अपने भावों को लिख सकते हैं या अपनों से साझा कर सकते है।
आठवीं आदत - अनावश्यक चीजों अथवा कार्यों में ऊर्जा लगाना
जो आपके लिए मायने नहीं रखता वहाँ अपनी ऊर्जा और समय बर्बाद ना करें। याद रखिएगा हम इसकी क़ीमत अपनी ख़ुशहाली और शांति, दाँव पर लगाकर चुकाते है। इसके स्थान पर अपना समय, ऊर्जा पूर्व से तय प्राथमिकताओं पर लगाएँ। अपनी महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं को लिखकर फ्रिज, बाथरूम के शीशे, पूजा के स्थान जैसी जगह पर लगाना लाभदायक रहता है। यह आपके फ़ोकस को सही जगह बनाए रखता है।
चलिए दोस्तों अब हम खुशहाल और खुद के प्रति दयालु रहने में बाधक अंतिम आदत को पहचानते हैं-
नवीं आदत - अपनी ख़ुशी के लिए किसी और पर निर्भर रहना
आपका दिन बनाने, आपको खुश करने कोई और आएगा जैसी गलती कभी ना करें। सामान्यतः ऐसा करना आपकी ख़ुशी को आपसे बहुत दूर कर, निराश करता है। इसके स्थान पर अपने जीवन, उसमें घटने वाली घटनाओं के लिए स्वयं ज़िम्मेदार बनें। सीधे शब्दों में कहूँ दोस्तों तो सक्रिय बनें और जैसा जीवन आप जीना चाहते हैं उस दिशा में भले ही छोटा लेकिन पहला कदम आगे बढ़ाएँ। हर उस व्यक्ति से मिलें जिसका साथ आपको सकारात्मकता देता है।
प्रख्यात लेखक हेलेन किलर की कही यह बात हमेशा याद रखिएगा दोस्तों, ‘जब खुशी का एक दरवाजा बंद होता है, तो दूसरा खुल जाता है, लेकिन अक्सर हम बंद दरवाजे को इतनी देर तक देखते हैं कि हमें ख़ुशी वाला दरवाज़ा दिखता ही नहीं है। तो आइए दोस्तों आज से खुशहाल जीवन व खुद के प्रति दयालु रहने के लिए उपरोक्त 9 सूत्रों का प्रयोग कर अपने लिए छोटे बार सेट करते हैं और धीमी गति से जीवन के हर पल, हर रंग को महसूस करते हुए आगे बढ़ते हैं।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com
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