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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

जीवन बदलना हो तो सबसे पहले अपने विचार बदलें…

Dec 21, 2024

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, यकीन मानियेगा अगर आप किसी चीज के विषय में सोच सकते हैं, तो आप उसे पा भी सकते हैं। यह बात रिश्तों से लेकर संसाधनों तक और सम्मान से लेकर शिक्षा तक हर क्षेत्र में इसी तरह लागू होती है। अपनी बात को मैं आपको एक कहानी के माध्यम से समझाने का प्रयास करता हूँ। बात कई साल पुरानी है, गाँव का बाहरी इलाका एक घने वन से जुड़ा हुआ था। इस घने और जंगली जानवरों से भरे वन के बीच में एक इच्छा पूर्ति वृक्ष भी था। जिसके नीचे बैठ कर की गई इच्छा तुरंत पूरी हो जाती थी। चूँकि जानवरों के डर के कारण बहुत ही कम लोग जंगल में जाने की हिम्मत कर पाते थे इसलिए, यह बात बहुत ही कम लोगों को पता थी।


एक बार संयोग से एक थका हुआ व्यापारी उस वृक्ष के नीचे आराम करने के लिए बैठ गया। थकान अधिक होने के कारण कब उसकी आँखें लग गई, उसे पता ही नहीं चला। लगभग एक घंटे की नींद लेने के बाद जब उसकी आँख खुली तो उसने महसूस किया कि उसे तेज भूख लग रही है। उसने नज़रें घुमाकर अपने चारों ओर देखा, लेकिन उसे कहीं कुछ खाने लायक़ नज़र नहीं आया। वह सोचने लगा की ‘काश कुछ खाने को मिल जाता तो कितना अच्छा होता।’ उसके इतना सोचते ही तत्काल स्वादिष्ट पकवानों से भरी थाली हवा में तैरती हुई उसके सामने आ गई।


व्यापारी ने बिना एक भी क्षण गँवाये भरपेट खाना खाया और भूख शांत होने के बाद सोचने लगा कि काश कुछ पीने को मिल जाए। विचार आते ही उसी क्षण उसके सामने हवा में तैरते हुए अनेक शरबत आ गए। शरबत पीने के बाद वह अभी आराम से बैठा ही था कि उसके मन में एक विचार आया और वह सोचने लगा, ‘कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूँ। हवा में से खाना पानी प्रकट होते ना तो पहले कहीं देखा है और ना ही इस विषय में कभी किसी से सुना है। मुझे तो लगता है कि इस पेड़ पर ज़रूर कोई भूत रहता होगा, जो मुझे पहले खिला-पिला रहा है और बाद में मुझे ही खा जायेगा।’ उसके ऐसा सोचते ही उसी क्षण उसके सामने एक भूत आया और उसे खा गया।


कहने को दोस्तों कहानी बड़ी साधारण सी है लेकिन यकीन मानियेगा यह मेरे दिल के बहुत क़रीब है क्योंकि यह मेरी सोच से बहुत मिलती है। मेरा मानना है कि हमारा मस्तिष्क या हमारा मन एक इच्छा पूर्ति वृक्ष है। अगर आप इससे किसी भी तरह की प्रबल कामना करेंगे तो यह अवश्य उसे पूरी कर देगा। अगर आप इससे कुछ अच्छा और सकारात्मक मांगेंगे तो यह आपको अच्छी और सकारात्मक चीजें देगा और अगर आप इससे नकारात्मक बातें करेंगे तो यह उन्हें भी हकीकत में बदल देगा।


जी हाँ दोस्तों, अधिकांश लोगों को जीवन में बुरी चीजें इसलिए मिलती हैं क्योंकि वे बुरी चीजों की ही कामना करते हैं। जो इंसान ज्यादातर समय सोचता है कि बारिश में भीगने से कहीं मैं बीमार न हों जाऊँ, तो वह इंसान पानी से भीगते ही बीमार हो जाता है। इसी तरह जो इंसान सोचता है कि मेरी किस्मत ही खराब है, तो वह अपनी किस्मत को सचमुच ही खराब बना लेता है। इसलिए दोस्तों, अपने मन और मस्तिष्क में नकारात्मक विचारों को घुसने की अनुमति ना दें क्योंकि जिस दिन यह आपके अवचेतन मन का हिस्सा बन गए उस दिन इन अनचाही नकारात्मक इच्छाओं को हकीकत में बदलने से आप भी नहीं रोक आएँगे।


याद रखिएगा दोस्तों, विचार जादूगर की तरह होते है, जिन्हें बदलकर आप अपना जीवन बदल सकते है, इसलिये सदा सकारात्मक सोचें। जी हाँ, बाहरी दुनिया बिलकुल वैसी ही है, जैसा हम सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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