Jan 21, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
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दोस्तों, ज़िंदगी है तो उतार-चढ़ाव, नफ़ा-नुक़सान, अच्छा बुरा सब कुछ रहेगा। इसके बिना ज़िंदगी की परिकल्पना भी करना बेमानी है। इसलिए उपरोक्त बातों को पहले से ही स्वीकार करके चलना विपरीत समय में भी आपके जीवन को सकारात्मक दिशा दे देता है। चलिए अपनी बात को मैं एक किस्से से समझाने का प्रयास करता हूँ।
बात कई साल पुरानी है, एक महिला ने अपने बच्चे के संगीत प्रेम को देख पियानो सीखाना प्रारम्भ कर दिया। कुछ ही दिनों में उसकी प्रगति को देख महिला बहुत खुश हुई और उसने अपने बच्चे को प्रोत्साहित करने के लिए पैडरवेस्की संगीत समारोह दिखाने का निर्णय लिया। तय दिन महिला बच्चे को लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुँची और ऑडिटोरियम में नियत स्थान पर बैठ गई। अभी कुछ ही देर हुई थी कि महिला की निगाह गलियारे में खड़े एक परिचित से मिली और सर्वप्रथम उन्होंने उन सज्जन का अभिवादन किया और उसके बाद बच्चे को वहीं सीट पर बैठा छोड़, वे उनसे मिलने चली गई।
बच्चा बड़ा सा कॉन्सर्ट हॉल देख विस्मित था, माँ का पास ना होना उसके लिए किसी बड़े अवसर से कम नहीं था। वह तुरंत अपनी सीट से उठा और क़रीब से सारी चीजों को निहारने चल पड़ा। चलते-चलते वह बच्चा ‘नो एडमिशन’ वाले दरवाज़े के रास्ते स्टेज पर पहुँच गया। इसी दौरान कार्यक्रम को शुरू करने के पूर्व जब कॉन्सर्ट हॉल की रोशनी कम की गई तब वह महिला अर्थात् बच्चे की माँ अपनी सीट पर लौटी और बच्चे को नियत सीट पर ना पा चिंतित हो गई।
इसी पल अचानक से म्यूज़िक के साथ स्टेज के पर्दे खुले और मंच पर रखे एक बहुत ही सुंदर से पियानो पर स्पॉटलाइट की रोशनी पड़ने लगी, जिसकी सीट पर उस महिला का छोटा सा बच्चा बैठा हुआ था। माँ बच्चे को स्टेज पर देख एकदम घबरा गई। वह कुछ करती उसके पहले ही उस बच्चे ने पियानो पर ‘ट्विंकल, ट्विंकल लिटिल स्टार’ बजाना शुरू कर दिया। जिसे देख माँ एकदम बुरी तरह सकपका गई।
तभी उस कार्यक्रम अर्थात् कॉन्सर्ट के मुख्य कलाकार, महान पियानो वादक ने स्टेज पर कदम रखा और धीरे से बच्चे के कान में कहा, ‘बेटा तुम बहुत अच्छा बजा रहे हो, ऐसे ही बजाते रहो।’ उनकी बात सुन बच्चा मुस्कुराया और बढ़ी हुई ऊर्जा के साथ, अपनी ही धुन में पियानो बजाने लगा। महान पियानो वादक ने पहले तो सभी श्रोताओं का अभिवादन किया और फिर वे तेजी से बच्चे के पीछे पहुँच गए और झुक कर अपने बाएँ हाथ से पियानो पर बच्चे की रिदम के अनुसार बास देने लगे। श्रोता कुछ समझ पाते उससे पहले ही महान पियानो वादक ने अपने दाहिने हाथ को बच्चे की दूसरी ओर ले गए और रिदम के अनुसार पियानो बजाने लगे। युवा नौसिखिए द्वारा पैदा की गई भयावह स्थिति को ‘गुरु’ महान पियानो वादक ने एक अद्भुत रचनात्मक अनुभव में बदल दिया था जिसे सुन दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
दोस्तों, एक शानदार जीवन जीने के लिए हमें भी बस यही करना है। स्थिति कितनी भी भयावह, डरावनी, हताशा से भरी, अपमानजनक क्यों ना हो, हमको बस ईश्वर के द्वारा धीरे से फुसफुसा कर कहे संदेश ‘छोड़ो मत’ को सुनना है और उस छोटे से बच्चे की तरह आगे बढ़ते जाना है। ईश्वर द्वारा हमारे पीछे से दिए गए साथ के कारण हमारे द्वारा पैदा की गई नकारात्मक स्थिति जल्द ही मास्टरवर्क में बदल जाएगी और हम शांति और ख़ुशहाली के साथ अपने जीवन को जीते हुए दुनिया को मंत्रमुग्ध कर देंगे।
निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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