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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

बच्चों के साथ सकारात्मक रिश्ता बनाने के 11 सूत्र - भाग 1

Dec 23, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, माता-पिता के रूप में हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे सफल, आज्ञाकारी, अनुशासित बन सकें, ताकि वे परीक्षा में अच्छे नंबर लाकर भविष्य में अच्छा कैरियर बना सके; बहुत सारा पैसा कमा सके और अंततः एक अच्छा और सुरक्षित जीवन जी सके। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए हम अपने बच्चों से शुरू से ही अपेक्षा रखना शुरू कर देते हैं। लेकिन अक्सर हमें इसका याने हमारी अपेक्षा का परिणाम, अपेक्षा के विपरीत मिलता है। इसीलिए आपको आजकल बच्चों में ग़ुस्सा, हड़बड़ाहट, अविश्वास, अनचाहा डर, तनाव, दबाव जैसी नकारात्मक बातें ज़्यादा नज़र आती है।


दोस्तों अगर आप इस स्थिति से बचकर बच्चों के साथ एक नया और सकारात्मक रिश्ता बनाना चाहते हैं तो अपनी अपेक्षायें बच्चों को बताने के स्थान पर इस पर ध्यान लगाएँ की आपके बच्चे आपसे क्या उम्मीद करते हैं। ऐसा करना आपको बच्चों के अनुरूप अच्छा माहौल बनाने में मदद करता है। तो चलिए, आज हम बच्चों की उन 11 बातों को जानने का प्रयास करते हैं, जिनकी अपेक्षा हमारे बच्चे हम से करते हैं-


पहली अपेक्षा : अनकंडीशनल लव याने बिना शर्त प्यार

सामान्यतः हम बच्चों को हर वो सलाह देने का प्रयास करते हैं जो उनके जीवन को बेहतर बना सके; उन्हें अनावश्यक ग़लतियों को करने से रोक सके। लेकिन अगर आप बच्चों के नज़रिए से इस स्थिति को देखेंगे तो पाएँगे की बच्चे हमसे सलाह नहीं प्यार की अपेक्षा रखते हैं। इसलिए उन्हें बिना शर्त या उद्देश्य के गले लगाना, चूमना, बिना शर्त प्यार करना शुरू करें। यह आपके घर के माहौल को सुरक्षित और भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाएगा, जो अंततः रिश्तों को सकारात्मक देगा।


दूसरी अपेक्षा : समय

अक्सर मैं कहता हूँ की हमारे यहाँ एक संस्था के रूप में पेरेंटिंग लुप्त होती जा रहा है क्योंकि हम में से ज़्यादातर लोग माता-पिता बनने के बाद भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। इस वजह से हमारा ज़्यादातर समय अपने सपनों को पूरा करने वाले कार्यों में लग जाता है और हम जाने-अनजाने में अपने परिवार और बच्चों से दूर होने लगते हैं। इस दूरी को अपने मन से मिटाने के प्रयास में अक्सर हम अपने बच्चों को ज़्यादा सुविधा और संसाधन देने लगते हैं। लेकिन अगर आप गहराई से इस विषय में सोचेंगे तो पायेंगे कि बच्चों को सुविधा और संसाधन नहीं, आपका समय चाहिए।

याद रखियेगा, बच्चे चाहते हैं कि उनके माता-पिता उनके साथ समय बिताएं। यह समय उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है; उनको सकारात्मक रूप में जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है। इसलिए आज ही से अपने बच्चों के साथ मिलकर हर काम करें। जैसे, खेलना, पढ़ना, बाहर जाना आदि। ऐसा करना बच्चों और माता-पिता के बीच एक मज़बूत बंधन बनाता है।


तीसरी अपेक्षा : अटेंशन

बच्चे निर्देश या निर्णय सुनने के स्थान पर चाहते हैं कि उनके माता-पिता उनकी बात सुनें। वैसे, बच्चों की बातें सुनना निश्चित तौर पर हमें उन्हें बेहतर तरीक़े से समझने में मदद करता है क्योंकि जब हम अपने बच्चों की बातों को ध्यान से सुनते हैं, तब हम उनके विचारों और चिंताओं को सुनकर, उनके सोचने और समझने के तरीक़े को समझ पाते हैं और साथ ही आप बच्चे को इस बात का एहसास करवा पाते हैं कि आप उनका, उनकी सोच का और उनके नज़रिए का सम्मान करते हैं, जो निश्चित तौर पर आपसी रिश्तों को बेहतर बनाता है।


आज के लिए इतना ही दोस्तों कल हम रिश्तों को सकारात्मक बनाने के अगले ४ सूत्र सीखेंगे।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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