Mar 8, 2024
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
आईए दोस्तों, आज के लेख की शुरुआत एक कहानी से करते हैं। बात कई साल पुरानी है, रामपुर का राजू कई सालों से बड़ा परेशान चल रहा था। असल में वह कई सारी विपरीत स्थितियों-परिस्थितियों का सामना एक साथ कर रहा था। जैसे एक ओर जहाँ उसकी पत्नी एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थी, वहीं दूसरी ओर उसकी नौकरी भी चली गई थी और साथ ही उसपर ढेर सारा क़र्ज़ भी हो गया था। किराया ना चुका पाने के कारण मकान मालिक द्वारा उसे घर ख़ाली करने का नोटिस भी दे दिया गया था। इतना ही नहीं मज़दूरी करते वक़्त गिर जाने के कारण उसके पैर में भी चोट लग गई थी और बच्चों की शिक्षा भी इन सबके चलते प्रभावित हो रही थी।
इतना सब होने के बाद भी राजू का भगवान पर अटूट विश्वास था। वह प्रतिदिन पूर्ण समर्पण के साथ ईश्वर का ध्यान और पूजन किया करता था। कई बार घर वाले और परिचित लोग राजू की भक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा करते थे, ‘राजू, क्या फ़ायदा इतने ध्यान और पूजन का? ईश्वर तक अगर तेरी प्रार्थना पहुँच रही होती तो अब तक सब कुछ ठीक हो जाता।’ राजू सबकी बातों को नज़रंदाज़ करते हुए सिर्फ़ इतना कहा करता था, ‘देख ना एक ना एक दिन ईश्वर सब कुछ ठीक कर देंगे।’
दिन ऐसी ही गुजरते जा रहे थे। एक दिन राजू को बिलकुल भी काम ना मिला और उसे परिवार सहित भूखा ही रहना पड़ा। उस दिन रात को सोते समय राजू ने भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा, ‘प्रभु आज रात को सपने में आकर मेरी सारी समस्याओं का समाधान बता जाना। अन्यथा कल मैं परिवार सहित आपके पास आ जाऊँगा।’ उस रात भगवान अपने भक्त के सपने में आए और बोले, ‘वत्स, तुम जिन समस्याओं के समाधान चाहते हो उन्हें एक काग़ज़ पर लिख कर घर के बाहर वाले पेड़ पर टांग आना और हाँ लौटते समय उनमें से किसी भी एक समस्या को काग़ज़ पर लिख कर अपने साथ ले आना। मैं उस एक समस्या को छोड़कर बाक़ी सारी समस्याओं को उसी पल दूर कर दूँगा। लेकिन जो एक समस्या रह जाएगी वह तुम्हारे जीवन में कई गुना बढ़ जाएगी।’
अगले दिन सुबह राजू बहुत ऊर्जा के साथ ख़ुशी-ख़ुशी उठा क्योंकि रात को भगवान ने उसे उसकी समस्या का समाधान बता दिया था। उसने दैनिक कार्य निपटा कर पहले पूजा करी, फिर भगवान को धन्यवाद दिया और अंत में काग़ज़ पर समस्याओं की सूची बना कर, उसे बाहर पेड़ पर टांगने चला गया। लौटते वक़्त उसे ईश्वर की दूसरी बात याद आई कि उसे एक समस्या को अपने साथ लेकर जाना है, जो आने वाले समय में कई गुना बढ़ जाएगी। उसने समस्याओं की सूची को वापस उठाया और उसे ध्यान से पढ़ने लगा। असल में उसकी प्राथमिकता उस समस्या को चुनना था, जिसके बढ़ने पर उसका जीवन ज़्यादा प्रभावित ना हो। काफ़ी देर तक प्रयास करने के बाद भी राजू उस सूची में से एक भी समस्या को चुन नहीं पाया। असल में अब उसे हर समस्या बड़ी ही नज़र आ रही थी।
कुछ देर तक सोचने के बाद राजू पूरी की पूरी सूची लेकर वापस आ गया और ईश्वर से प्रार्थना करने लगा कि प्रभु समस्याओं से पूर्णतः छुटकारा सिर्फ़ और सिर्फ़ विवेकवान बनकर ही पाया जा सकता है। इसलिए आप तो अब मुझे अपने आशीर्वाद के साथ सिर्फ़ और सिर्फ़ बुद्धि और विवेक दो। जिससे मैं ख़ुद को इतना क्षमतावान बना सकूँ कि सभी समस्याएँ मुझे चुनौती लगने लगें और मैं उन पर विजय पा पाऊँ।’
दोस्तों, राजू के विचार थे तो ज़बरदस्त क्योंकि जब आप समस्याओं को चुनौती मान लेते हैं तब आप बिना कुछ किए ही उन पर पहली विजय प्राप्त कर लेते। दूसरी बात विवेकवान व्यक्ति ही जीवन की प्रत्येक परिस्थिति, फिर चाहे वह किसी वस्तु या व्यक्ति या फिर अवस्था के कारण बनी हो, को अपने अनुकूल कर सकता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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