July 16, 2022
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, मेरी नज़र में इस दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक काम है सबको खुश रखने का प्रयास करना। वैसे सही मायनों में कहूँ तो सबको छोड़िए, किसी एक को भी खुश करना या रखना आसान नहीं है। इसकी सबसे मुख्य वजह आप में नहीं बल्कि सामने वाले के नज़रिए में छिपी हुई है।
अक्सर दूसरों की प्रतिक्रिया या ख़ुशी को ध्यान में रखकर कार्य करना आपके समय, ऊर्जा और उत्पादकता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी से भी बात करते समय ध्यान रखना कि सामने वाला क्या सोचेगा, आपको अपनी बात कहने ही नहीं देगा। साधारण शब्दों में कहा जाए तो लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे, कहीं नाराज़ तो नहीं हो जाएँगे, सबको खुश रखने के लिए क्या करूँ?, जैसे विचार अंततः आपको ही सबसे ज़्यादा प्रभावित करते हैं।
याद रखिएगा साथियों, आपके द्वारा सम्पन्न कार्य का मूल्यांकन लोग दो तरह से करते हैं। पहली सूची में उन लोगों के नाम आएँगे जो आपके कार्य में हमेशा ग़लतियाँ ही निकालेंगे, फिर भले ही आप कुछ भी कर लीजिए और दूसरी सूची में वे लोग आएँगे जो आपके हर कार्य से कुछ ना कुछ सीखने या सकारात्मक रूप से लेने का प्रयास करेंगे। पहली सूची के लोगों को आपके द्वारा किए गए हर कार्य में ख़ामियाँ नज़र आएगी वहीं दूसरी सूची वाले लोग उसी कार्य से प्रेरणा लेंगे। इसीलिए मैं अक्सर कहता हूँ, ‘ऐसा कोई कार्य नहीं है जो लोगों के लिए प्रेरणादायी न बन सके और साथ ही, ऐसा भी कोई काम नहीं है जिसमें दूसरे गलती ना निकाल सकें।’ इस दुनिया में आज तक कभी, किसी के लिए सब को खुश और प्रसन्न रखना आसान या सम्भव नहीं था। आप खुद सोचकर देखिए, जब हम में से ही कई लोग भगवान के द्वारा बनाई गई इस सृष्टि में ही कमियाँ निकाल लेते हैं तो इंसानों की कमियाँ निकालना क्या उनके लिए मुश्किल होगा? बिलकुल भी नहीं! उदाहरण के लिए सूर्योदय होने पर एक और सृष्टि में जहाँ ऊर्जा और उत्पादकता आ जाती है वही उल्लू अपनी आँख बंद कर लेता है, उसे तो लगता है कि सूर्योदय ने उसकी स्वच्छंद रूप से उड़ने की प्रवृति को ही रोक दिया है। इसी तरह जो जल स्त्रोत हमारी प्यास बुझाते हैं, हमारी पानी की ज़रूरतों को पूरा करते हैं, उन्हें लोगों के डूबने के लिए भी उत्तरदायी माना जाता है। इसीलिए मैंने पहले कहा था, ‘आप कुछ भी कर लीजिए, इस दुनिया में सबको खुश रखना असम्भव ही है।’
दोस्तों, अगर इसके बाद भी आप सबको खुश रखने के बारे में सोचते हैं तो सिर्फ़ और सिर्फ़ खुद को खुश रखना शुरू कर दीजिए। जब आप खुश होंगे, आपके द्वारा ख़ुशी अपने आप ही दूसरों तक पहुँचने लगेगी। इसके लिए आपको अपने जीवन के हर पल को जागरूकता के साथ जीना होगा अर्थात् आपको अपने जीवन के हर पल में जागरूक रहते हुए मौजूद रहना होगा। जिससे आप किसी भी कार्य या परिस्थिति में निराश और हताश होकर कार्य करने के स्थान पर अपना श्रेष्ठतम, सर्वोत्तम और महानतम योगदान, समाज की बेहतरी के लिए दे सकें।
दूसरे शब्दों में कहूँ दोस्तों, तो आज से सिर्फ़ वही कार्य करने का प्रयास करें जो आपकी आत्मा को सुकून देता हो, आपकी ऊर्जा को बढ़ाता हो, आपको खुश रखता हो क्यूंकि जब आप किसी भी कार्य को अपनी आत्मिक संतुष्टि और ख़ुशी के साथ करेंगे तो ही आप उस कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाएँगे और जब आप अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाएँगे तभी उचित परिणाम पाकर, खुश रह पाएँगे और ख़ुशियाँ बाँट पाएँगे। तो आइए दोस्तों, हम सब मिलकर आज और अभी से एक निर्णय लेते हैं, ‘हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ समाज को बेहतर बनाने के लिए हर पल खुश और जागरूक रहते हुए अपना श्रेष्ठतम, सर्वोत्तम और महानतम देंगे।’
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com
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