विवाह की सहमति के पहले जोड़े करें निम्न बिंदुओं पर चर्चा…
- Nirmal Bhatnagar
- Apr 12
- 3 min read
Apr 12, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

हमारी भारतीय संस्कृति में विवाह को 7 जन्मों का पवित्र बंधन बताया गया है। लेकिन आज के बदलाव भरे इस दौर में इसे 7 जन्मों के बंधन के स्थान पर इसे जीवनभर का साथ भी माना जाए, तो भी कई युवा इसे निभा पाने में ख़ुद असमर्थ पा रहे हैं और इसीलिए आज समाज में रिश्तों में तनाव के मामले तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। इस स्थिति से बचने के लिए हमें आज के युवाओं को बताना होगा कि विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का भी मिलन होता है; जीवनभर का साथ होता है। इसलिए महज आकर्षण के आधार पर जल्दबाज़ी में निर्णय लेने के स्थान पर इसे जीवन की प्राथमिकताओं और हक़ीक़त के आधार पर तय करना चाहिए। इसके लिए विवाह से पहले जोड़े को कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करना बेहद आवश्यक है। यह चर्चा न केवल आपसी समझ को बेहतर बनाएगी, बल्कि भविष्य में संभावित समस्याओं को भी कम करेगी। आइए जानते हैं वे प्रमुख विषय जिन पर हर जोड़े को विवाह से पहले खुलकर बात करनी चाहिए।
1) पसंद और नापसंद
सबसे पहले अपने भावी पार्टनर के साथ अपनी और उसकी पसंद और नापसंद पर खुल कर चर्चा करें क्योंकि जिसके साथ आप जीवन बिताना चाह रहे हैं, उसे जानना बेहद जरूरी है। इससे आप उनके व्यक्तित्व को बेहतर तरीक़े से समझ पाएंगे और रिश्ता आगे बढ़ने पर बेहतर तरीके से सामंजस्य बिठा पाएंगे।
2) बचपन के अनुभव और आघात
यदि आपके बचपन में कोई ऐसा अनुभव रहा है जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, तो इस पर अपने साथी से खुलकर बात करें। इससे एक-दूसरे को बेहतर समझने में मदद मिलेगी।
3) स्वास्थ्य का इतिहास
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या कोई गंभीर बीमारी होने पर अपने साथी को पहले से अवगत कराना उचित है। यह जिम्मेदारी और देखभाल को बढ़ावा देता है।
4) अतीत का अनुभव
जीवन में प्रतिदिन कुछ ना कुछ घटता है, जो हमारी सोच या जीवन के प्रति नजरिये को गढ़ता है। इसलिए जब आप बीते जीवन के अनुभवों को साझा करते हैं, तब आप कहीं ना कहीं अपनी सोच को परिलक्षित करते हैं। इसके साथ ही एक-दूसरे के अतीत को जानना न सिर्फ़ आपसी विश्वास को मजबूत करता, बल्कि भविष्य में अनावश्यक गलतफहमियों को होने से बचाता है।
5) सपनों की ज़िंदगी
हर इंसान अपने आदर्श जीवन की परिकल्पना करता है। इसलिए शादी के पहले इस विषय पर चर्चा करना कि ‘आप दोनों अपनी ज़िंदगी को कैसे देखते हैं’, आवश्यक हो जाता है। जब आप एक-दूसरे के सपनों के जीवन के विषय में जानते हैं तो आपके लिए भविष्य की योजना को बनाना आसान हो जाता है।
6) अपेक्षाएँ
विवाह के बाद जीवन को लेकर आपकी और आपके साथी की क्या अपेक्षाएँ हैं, इस पर खुलकर चर्चा करें। इस चर्चा में वित्तीय, भावनात्मक, और व्यक्तिगत अपेक्षाओं को शामिल करें। ऐसा करना दोनों को एक-दूसरे की प्राथमिकताओं को समझने में मदद करेगा।
7) वित्तीय अपेक्षाएँ
जीवन में पैसे को लेकर स्पष्टता रखना बेहद जरूरी है। इसलिए शादी के पहले आमदनी, खर्चे, बचत और निवेश की योजनाएं क्या हैं, इस पर ईमानदारी से बात करना चाहिए। इस चर्चा में अपने कर्ज, क्रेडिट कार्ड की स्थिति, क्रेडिट स्कोर आदि को भी शामिल करें। इसके साथ ही घर के खर्चे, बिजली-पानी के बिल, किराया या लोन आदि का प्रबंधन कैसे होगा, इस पर पहले से चर्चा करें। इससे भविष्य में होने वाले आर्थिक तनाव को कम किया जा सकता है।
8) डर और चिंताएँ
हम सबके जीवन में कुछ ना कुछ डर और चिंताएँ होती हैं, जो हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं। इसलिए एक जोड़े को शादी के पहले अपनी चिंताओं और असुरक्षाओं पर खुल कर चर्चा कर लेना चाहिए और पार्टनर उस बारे में क्या सोचता है जान लेना चाहिए।
9) विश्वास और सिद्धांत
आपके धार्मिक, नैतिक और सांस्कृतिक विश्वास क्या हैं, यह अपने पार्टनर को बतायें। विवाह से पहले इन मुद्दों पर चर्चा करना लंबे समय तक एक मजबूत रिश्ता बनाए रखने में सहायक होता है।
10) खुशी की परिभाषा
आपके लिए खुशी क्या मायने रखती है? इसे समझना और अपने साथी की खुशी की परिभाषा जानना, एक सुखद और संतोषजनक वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक है।
11) पालन-पोषण की शैली
यदि आप भविष्य में माता-पिता बनने की योजना बना रहे हैं, तो बच्चों के पालन-पोषण की शैली पर चर्चा करना अनिवार्य है। इससे मतभेदों को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष
अंत में निष्कर्ष के रूप में इतना ही कहना चाहूँगा कि विवाह से पहले उपरोक्त विषयों पर ईमानदारी और खुले मन से चर्चा करना, एक मजबूत और खुशहाल वैवाहिक जीवन की नींव रखता है। याद रखें, संवाद किसी भी रिश्ते की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। इसलिए, एक-दूसरे को समझें, समर्थन करें और मिलकर एक सुखद भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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