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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

श्रेष्ठ जीवन के लिए सीखें, क्या है भूलना…

Jan 4, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

तीव्र स्मरण शक्ति को अक्सर जीवन का वरदान माना जाता है। यह हमें ज्ञान, अनुभव और सफलताओं को सहेजने में मदद करती है। लेकिन, जीवन में सब कुछ याद रखना ही आनंद का स्रोत नहीं है। कुछ बातों को भूल जाना, विशेष रूप से कड़वी यादों को, भी एक महान कला है। यह कला हमें जीवन को सरल, सुंदर और खुशहाल बनाने में मदद करती है। आइए, पहले हम भूलने की कला सीखने के लिए आवश्यक तीन प्रमुख बातों को सीखते हैं


बच्चों से सीखें भूलने की कला

हम अक्सर बच्चों को शिक्षा देते हैं, उन्हें जीवन का मार्गदर्शन देते हैं, लेकिन उनकी सरलता और भूलने की कला को अनदेखा कर देते हैं। बच्चे, अपनी मासूमियत में, उन बातों को आसानी से भुला देते हैं जो उन्हें तकलीफ पहुंचाती हैं।

जब हम बच्चों पर गुस्सा करते हैं, उन्हें डांटते हैं या कभी-कभी उनकी गलतियों के लिए उन्हें सजा देते हैं, वे थोड़ी ही देर में सब भूल जाते हैं। न तो वे गुस्से को लंबे समय तक पकड़े रहते हैं और न ही कड़वी बातों को दिल से लगाते हैं। उनकी इस सहज प्रवृत्ति से हमें सीखना चाहिए कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए छोटी-छोटी गलतफहमियों और बुरी यादों को भूल जाना कितना महत्वपूर्ण है।


बुरी स्मृतियाँ: दुख का कारण

हमारी स्मृतियाँ, चाहे मधुर हों या कटु, हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित करती हैं। जो व्यक्ति बुरी यादों को बार-बार याद करता है, वह दुख और तनाव में फंसा रहता हैं।

यह समझना आवश्यक है कि बुरी स्मृतियाँ आपके मनोबल को तोड़ती हैं, आपकी खुशियों को कम करती हैं, और आपको वर्तमान का आनंद लेने से रोकती हैं। जब तक आप इन स्मृतियों को छोड़ नहीं देते, तब तक वे आपके जीवन में विघ्न बनकर उपस्थित रहती हैं।


मधुर स्मृतियों का महत्व

जैसे बुरी यादों को भूलना जरूरी है, वैसे ही मधुर स्मृतियों को सहेजना जीवन को मधुरता से भर देता है। पुरानी मित्रताओं की यादें, परिवार के साथ बिताए अच्छे पल, और व्यक्तिगत उपलब्धियाँ हमारी आत्मा को सुकून देती हैं। यह मधुर स्मृतियाँ हमें प्रेरित करती हैं और कठिन समय में साहस प्रदान करती हैं।

जीवन का संतुलन इसी में है कि हम अच्छे पलों को सहेजें और बुरे पलों को भूल जाएं।


भूलने की कला को अपनाएँ

भूलने की कला को अपनाना आसान नहीं है, लेकिन यह अभ्यास से संभव है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

1. ध्यान और योग का अभ्यास करें : यह मन को शांति प्रदान करता है और नकारात्मक विचारों से मुक्त करता है।

2. आभार व्यक्त करें : जो आपके पास है, उसके लिए आभारी रहें और अतीत की कड़वी घटनाओं को छोड़ दें।

3. स्वयं को व्यस्त रखें: नए शौक, काम या रिश्तों में व्यस्त होकर पुरानी बुरी यादों को पीछे छोड़ा जा सकता है।

4. माफी का भाव विकसित करें: दूसरों को माफ करके आप अपने मन को हल्का कर सकते हैं।


निष्कर्ष

जीवन को सुखमय बनाने के लिए सिर्फ याद रखना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि बुरी बातों को भूल जाना भी उतना ही जरूरी है। बच्चे हमें इस बात का सुंदर उदाहरण देते हैं। उनकी भूलने की क्षमता उन्हें हर क्षण नए उत्साह और आनंद के साथ जीने में मदद करती है।


अगर हम भी कटु स्मृतियों को छोड़कर मधुर यादों को सहेजने की कला सीख लें, तो हमारा जीवन निश्चित ही अधिक संतुलित और आनंदमय बन सकता है। इसलिए, याद रखने के साथ-साथ, भूलने की इस श्रेष्ठ कला को अपनाएँ और जीवन के हर पल का आनंद लें।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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