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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

सब कुछ पहले से सेट है !!!

Jan 5, 2024

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

चलिए दोस्तों, आज के शो की शुरुआत किसी और की नहीं बल्कि ख़ुद की बात से करते हैं और जरा धरातल पर रहते हुए हक़ीक़त पर चर्चा करते हैं। अक्सर हमारी सोच या बात की शुरुआत भविष्य की चिंता, योजना या लक्ष्य के साथ होती है अर्थात् ‘भविष्य कैसा होगा?’, ‘हमारे आगामी लक्ष्य क्या होंगे?’ या ‘हम उसे कैसे पायेंगे?’ आदि प्रश्नों के साथ हमारे दिन की शुरुआत होती है और इन्हीं पर सोचते; चर्चा करते कब हम ‘अतीत’ पर आ जाते हैं, पता ही नहीं चलता है। अर्थात् भविष्य की चिंता वाले प्रश्न 'अतीत में जो हुआ, वो क्यों हुआ?’ पर आ जाते हैं। स्थिति दोनों में से कोई भी क्यों ना हो, एक बात तो कटु सत्य है, इन सवालों का पीछा करते हुए, हम अपने वर्तमान को भूल जाते हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि जीवन सिर्फ़ वर्तमान में है। अर्थात् जो बीत गया, वह लौटकर आने वाला नहीं है और भविष्य का हमें कुछ पता नहीं है।


आप अभी अपने मन में सोच रहे होंगे कि ‘यह सब तो हमें पता है, इसमें नई बात क्या है?’, तो मैं आपसे पूछना चाहूँगा कि अगर आप वर्तमान में जीने की अहमियत जानते हैं तो फिर क्यों इन दोनों में उलझकर अपने आज को खो देते हैं? आगे बढ़ना, सपने देखना और उन्हें पूरा करने की कोशिश करना अच्छी बात है। लेकिन अगर उन सपनों के पीछे भागते-भागते आप अपने वर्तमान से कट जाएँ, तो क्या वे सपने सच में खुशी देंगे? ठीक इसी तरह, अतीत के दुखों या गलतियों को पकड़कर रखना, एक भारी बोझ उठाने जैसा है। ये बोझ न तो आपके भविष्य को बेहतर बनाएगा, और न ही आपको शांति देगा। याद रखियेगा दोस्तों, भविष्य के सपने और अतीत का बोझ आपको तनाव और दबाव से जीने के लिए मजबूर करेगा।


अगर ज़िंदगी सच में जीना है तो सिर्फ़ एक बात स्वीकार लो, ‘वर्तमान ही है जो सच में तुम्हारा है!’ अतीत जा चुका है, भविष्य अभी आया नहीं। जो तुम्हारे पास है, वह सिर्फ और सिर्फ ‘वर्तमान’ है। तो दोस्तों, क्यों न सिर्फ़ इस पर ही ध्यान दिया जाए? याद रखियेगा, खुशियाँ छोटी-छोटी चीज़ों में छुपी होती हैं। जैसे, एक मुस्कान, एक प्यारी बात, एक गहरी साँस। जब आप वर्तमान में रहेंगे तो ही इन्हें महसूस करेंगे, तभी आपको जिंदगी का असली मजा आएगा।


वर्तमान में जीने के लिए आपको ख़ुद की तुलना दूसरों से करना छोड़ना होगा। जी हाँ साथियों, हम अक्सर दूसरों से अपनी तुलना करते हैं। पर सच्चाई यह है कि हर किसी की जिंदगी अलग होती है। किसी का सूरज आपकी तरह जल्दी नहीं ढलता, तो किसी की रात आपकी तरह शांत नहीं होती। अगर आप दूसरों की रोशनी को देखकर जलने लगेंगे, तो अपनी रोशनी की अहमियत को कभी समझ नहीं पाएंगे। इसलिए खुद पर विश्वास रखो और अपनी यात्रा पर ध्यान दो। इसके लिए आपको सुख-दुख के चक्र को पहचानना होगा। जीवन कभी भी एक सीधी रेखा समान नहीं है। यह सुख-दुख का चक्र है। अर्थात् कभी आप सुख के साथ अपने वर्तमान में होंगे, तो कभी दुख के साथ। इसलिए सुख में विनम्र रहें, और दुख में धैर्य रखें क्योंकि जो भी हो रहा है, वह समय के साथ बदल जाएगा। यही सच्चाई है, जिसे समझकर ही आप जीवन को सरल बना सकते हैं।


कुल मिलाकर कहा जाये तो जीवन का मूल मंत्र एक बात को स्वीकार लेने में छुपा है, ‘वर्तमान में जियो क्योंकि सब कुछ पहले से सेट है! जी हाँ दोस्तों, जब आप अपने वर्तमान में जीने लगते हैं, तो अतीत का दर्द और भविष्य की चिंता अपने आप कम हो जाती है। इसलिए आज नहीं अभी से तीन साधारण से सूत्रों को अपना लो:

पहला सूत्र - हर दिन को एक नई शुरुआत की तरह लो।

दूसरा सूत्र - छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूँढो। और,

तीसरा सूत्र - अपने लिए समय निकालो।


तो मेरे दोस्त, अतीत और भविष्य के चक्कर में मत उलझो। अपनी जिंदगी को एक खेल की तरह मत देखो। जो तुम्हारे पास है, वह अनमोल है। उसे जी भर कर जियो, क्योंकि जब तुम अपने वर्तमान में जीना सीख जाओगे, तो सच में जिंदगी “सेट" हो जाएगी।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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